रिपोर्टर मुकेश (धनराज) राठौड़
टांडा(धार)– जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व पर्युषण पर्व स्थानीय जैन समाज द्वारा हर्षोल्लास से मनाए जा रहे है। अहिंसा के प्रणेता चौवीसवे तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन समारोह बुधवार को आराधना भवन में धूमधाम से मनाया गया। जिसमे समाजजनों ने उत्साह से भाग लिया।
जैन समाज द्वारा प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी पर्युषण पर्व बड़े धुमधाम से मनाया जा रहा है l शनिवार से प्रारंभ हुए पर्व के चौथे दिन मंगलवार को कल्पसूत्र का वाचन प्रारंभ हुआ। वाचन श्री जिनेन्द्र बाठिया द्वारा किया जा रहा है। मानव जीवन बड़े पूण्य से मिला है। इस जीवन को व्यर्थ न गँवाए। मुनि भगवन्तों द्वारा बताया जाता है कि कल्पसूत्र शास्त्र के श्रद्धा पूर्वक श्रवण करने से कई जन्मों के पापकर्मो का क्षय हो जाता है तथा आठवे भव में मोक्ष मिलता है। पर्व के पाँचवे दिन बुधवार को कल्पसूत्र के वाचन के दौरान व्याख्यान वाचक जिनेन्द्र बाठिया ने भगवान श्री महावीर के जन्म का वाचन संपन्न किया वातावरण पूरा जयकारों से गुंजायमान हो गया। श्रद्धालुओं ने अक्षत वर्षा कर श्रीफल बदार कर एक दुसरो को बधाई दी।
इसके पूर्व दोपहर 2 बजे से भगवान श्री महावीर का जन्मवाचन समारोह प्रारम्भ हुआ। इसमें सर्व प्रथम भगवान महावीर की माता त्रिशला को आए चौदह स्वप्नों के सपनाजी, वर बेड़ा, पुष्प वर्षा, जन्म आरती एवं अन्य कई चढ़ावे बोले गए। जिसमे समाजजनों ने बढ़चढ़ कर चढ़ावा बोलकर लाभ लिया। जिसमे प्रथम तथा दूसरा वरबेड़ा का चढ़ावा प्रदीप कुमार शांतिलाल जी गादिया परिवार ने लिया। भगवान के जन्म का पालना बाँधने की बोली संतोषजी उम्मेदमल जी बाफना परिवार ने तथा पालना झुलाने का चढ़ावा प्रदीपजी शांतिलाल गादिया परिवार द्वारा लिया गया। जन्म वाचन का पाना पारसजी समीरामलजी तलेसरा परिवार द्वारा बोली का लाभ लेकर व्याखान वाचक जिनेन्द्र जी बाठिया को वोहराया गया। प्रमुख चौथा सपना लक्ष्मीजी का चढ़ावा श्रीमती घिसीबाई हीरालाल जी चौहान परिवार ने लिया। माघ सुदी तेरस को टांडा जिन मंदिर पर ध्वजा चड़ाने का लाभ उषा देवी मनोहरलालजी बाफना परिवार ने लिया। जैसे ही व्यख्यान वाचक जिनेन्द्र जी बाठिया द्वारा जन्म वाचन किया गया प्रकाशचंद्र पन्नालालजी लोढ़ा परिवार द्वारा जैन धर्म ध्वज का ध्वजारोहण कर पुष्प वर्षा की गई तथा समाज जनो द्वारा हर्षोल्लास मनाते हुए अक्षत वर्षा कर श्रीफल बदारे गए भगवान के जन्म की पहली आरती का चढ़ावा सुरेश कुमार शांतिलाल कोठारी परिवार द्वारा लिया गया । भगवान महावीर के जयकारों एवं बेंड बाजो – ढोल ढमाकों से वातावरण गुंजायमान हो गया। केशर के छापे लगाए गए। भगवान की आरती की गई। ततपश्चात नगर में शोभायात्रा भी निकाली गई।इस अवसर पर नवयुवक परिषद, तरुण परिषद , बालिका परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा मंदिरजी में प्रतिमाओं की आकर्षक मनमोहनीय अंगरचना की गई। कार्यक्रम का संचालन सुरेशजी कोठारी व पारसजी हरण ने किया। जन्म प्रभावना व स्वामीवत्सल्य का लाभ मामा भांजा डूंगरवाल, कोठारी परिवार द्वारा लिया गया l संध्या को आरती के पश्चात प्रतिकमण में भगवान का हालरा गाया गया।