रिपोर्टर प्रभुलाल मुकाती
चिराखान । ग्रामीण क्षेत्रों में लोक देवता, जन जन के आराध्य, गौरक्षक सर्पदंश पीड़ितों को जीवन दान देने वाले कलयुग के साक्षात देवता श्री सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज के पर्व तेजा दशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाई गया। गांव में स्थित श्री वीर तेजाजी महाराज मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई वह रात्रि में तेजाजी महाराज नाटक का आयोजन किया गया जिसमे क्षेत्रीय कलाकारो द्वारा प्रस्तुति दी गई।अलसुबह से ही तेजाजी मंदिर पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा यहां दर्शन का सिलसिला अलसुबह से देर शाम तक चलता रहा श्रद्धालुओं ने अपनी मन्नत पूरी होने पर ढोल ढमाको व डीजे के साथ निशान (छतरियो) का चल समारोह निकाला गया।एवं निशान चड़ाये गये।चल समापोह मे अखाड़े के कलाकारो द्वारा हेरतअंगेज करतब दिखाये गये। चल समारोह में पुष्पवर्षा की गई।श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन कर निशान चढ़ाए। चल समारोह में तेजाजी महाराज की झांकी के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर आस्था प्रकट की।क्षेत्रभर से सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और दर्शन वंदन किया तेजाजी महाराज की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई जो ग्राम का भ्रमण करते हुए तेजाजी मंदिर पहुंची जहां तेजाजी की आरती के बाद तेजाजी महाराज के पण्डे गोपाल सिंह तंवर द्वारा जतरा कर तांतीयां तोड़ने का दौर शुरू हुआ। जिसमे सर्प दंश से पीड़ित को बंधी हुई तांती तोड़ी गई एवं निसंतान दंपति की गोद भराई गई क्षेत्रभर में मान्यता है कि किसी ही इंसान या पशुधन को जहरीला जंतु काटने पर यदि तेजाजी महाराज का नाम लेकर कोई धागा या कपड़ा बांध दिया जाता तो उसे जहर नहीं चढ़ता बांधी गई ताती को साल भर में केवल तेजा दशमी पर ही खोला जाता है चमत्कारिक रूप से ऐसे कई जीवंत उदाहरण गांव के तेजाजी मंदिर में देखे जा सकते हैं।