रिंगनोद से पवन राठौर की रिपोर्ट
मानव का जीवन जन्म एवं मृत्यु के बीच लटकता है भटकता है लेकिन देवगुरु धर्म की आराधना से जिन शासन की कृपा से हम इस जन्म मृत्यु से मुक्त होकर परमात्मा के शरण में पहुंच सकते हैं मोक्ष को प्राप्त करने के लिए जिन शासन में जप तप
एवं आराधना के साथ गुरु आज्ञा को भी महत्व दिया जाता है क्योंकि गुरु ही हमारे अंदर के भय एवं कुसंस्कार
को दूर कर समर्पण त्याग एवं आध्यात्म का मार्ग बताते हैं जिससे मानव की आत्मा उन्नति कर मोक्ष को प्राप्त कर सकती है श्रद्धा का दीप जब गुरुदेव की कृपा से प्रज्वलित हो गया है तो उसे कमजोर कभी पढ़ने नहीं देना चाहिए सदा आत्मा के विकास के लिए कार्य करना चाहिए ।
उक्त प्रेरणादायी उद्बोधन 22 मार्च शनिवार को पुण्य सम्राट आचार्य श्री जयन्तसेन सुरि जी महाराज साहब के पटद्दर हृदय सम्राट आचार्य श्री नित्यसेन सुरि जी महाराज साहब ने रिंगनोद की धर्म सभा में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहे इससे पूर्व आज प्रातः मोहनखेड़ा तीर्थ से विहार कर आचार्य श्री ने अपने साधु समुदाय साध्वी समुदाय के साथ नगर में प्रवेश किया समाज जनों एंव महिला मण्डल ने सिर पर मंगल कलश धारण कर अगवानी कर बैंड बाजे के साथ भजनों की धुन पर नगर में भव्य शोभायात्रा निकली गई जगह-जगह अक्षत गहुली कर आचार्य श्री की अगवानी की गई नगर भ्रमण के पश्चात आचार्य श्री ने श्री चंद्रप्रभु मंदिर में दर्शन वंदन कर जैन धर्मशाला रिंगनोद में धर्म सभा को संबोधित किया कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य श्री को गुरु वंदन कर की गई गुरु वंदन की विधि पवन मेहता द्वारा करवाई गई गुरुदेव की मंगलाचरण के पश्चात धर्म सभा का शुभारंभ किया गया बहु परिषद द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया स्वागत भाषण चिराग भंसाली ने व्यक्त किया अनीता अशोक झंडा वाला द्वारा भी स्वागत गीत प्रस्तुत किया सागरमल कोठारी द्वारा भी धर्मसभा में अपने विचार व्यक्त किए कार्यक्रम का संचालन आशिष जैन ने किया पश्चात सकल श्री संघ का स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गया शाम को आचार्य श्री मुनिराज श्री विध्दवत रत्न विजय जी तारक रत्न विजय जी एवं निर्भय रत्न विजय जी तथा साधु साध्वी मंडल का टांडा की ओर विहार होगा ।