रिंगनोद से पवन राठौर कि रिपोर्ट
रिंगनोद– क्षत्रिय सीरवी समाज का सबसे बड़ा त्यौहार गणगौर उत्सव है जो प्रतिवर्ष वर्षप्रतिपदा गुड़ीपड़वा के बाद तीज से प्रारम्भ होता है इस वर्ष भी 1 अप्रेल को गणगौर तीज है जो चार दिवसीय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा ।गणगौर उत्सव को लेकर क्षत्रिय सीरवी समाज के युवाओं की बैठक शनिवार रात्रि में रखी गई समाज के शांतिलाल हमाड ने बताया कि गणगौर पर्व पर व्यवस्था को लेकर 28 बिन्दुओ पर चर्चा की गई जिसमे टेंट,लाईट,सातसज्जा,रंगोली,हास्य नाटक,संस्कृति परिधान,जल,शोभायात्रा,पाटलापाती,डांडिया रास,सोसल मीडिया,भोजन,सामाजिक शिक्षा सम्मान,संचालन,साउंड,ढोल ,बैंडबाजे ,स्वच्छता सहित आदि व्यवस्था पर चर्चा की गई और समस्त व्यवस्थाओ की टोलियां बनाई गई जिसमें समाज के युवाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया ।
समाज के मदन चोयल ने बताया कि 31 मार्च को पाटला पाती की शोभायात्रा के साथ डांडिया रास एवं सामूहिक गीत महिलाओं द्वारा गाए जाएंगे समाज के युवाओं की एक टोली बनाई गई है जिसमे एक सदस्य से प्रतिवर्ष 500 रुपये गणगौर उत्सव वार्षिक खर्च के लिए एकत्रित किए गए। शंकरलाल नंदराम हामड़ (बांड़ी ) ने बताया कि दशा पर्व सोमवार के दिन शुभ मुहूर्त में जिसके यँहा गणगौर है वँहा महिलाए समुहि गीत गाती हुई ज्वारे बोएँगी और गणगौर पर्व तक प्रतिदिन बालिकाओं द्वारा फुलपाती निकाली जाएगी 1 अप्रेल को प्रातः शुभमुहूर्त में तीज माता को खड़ी कर पूजनपाठ करेंगे एवं रात्रि में सभी गणगौर को एकत्रित कर श्री योगमाया मन्दिर चौक प्रांगण में समाज की महिलाओं एवं पुरुषवर्ग के द्वारा सामूहिक परम्परागत नृत्य किया जाएगा एवं प्रतिदिन गणगौर माता को भोग लगाया जाएगा 4 अप्रेल रात्रि को भव्य एवं विशाल शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से निकाली जाएगी।बैठक में उपस्थित समाज जनों का आभार कामेश सतपुड़ा ने माना जानकारी कन्हैया पडियार द्वारा दी गई।